Input Device
आवश्यकता के आधार पर Computer के Input Device को दो भागों में बॉंटा जा सकता है-
- प्राथमिक इनपुट डिवाइस (Primary Input Device)
- द्वितीयक इनपुट डिवाइस (Secondary Input Device)
मुख्य या प्राथमिक इनपुट डिवाइसेज (Main or Primary input devices)
यह कम्प्यूटर की मुख्य या प्राथमिक इनपुट डिवाइसेज (Main or Primary input devices) होतीं हैं, इनके प्रयोग के बिना, हम कम्प्यूटर को सरलता से नहीं चला सकते या उसे ऑपरेट ही नहीं कर सकते। जैसे की-बोर्ड, माउस।
चूँकि एक कम्प्यूटर सिस्टम मूलत: Monitor, CPU, Keyboard व Mouse से मिलकर बना होता है, यदि कीबोर्ड और माउस जैसे इनपुट उपकरण नहीं रहेंगे, तो कम्प्यूटर का संचालन संभव ही नहीं है। इसी कारण इसको प्राथमिक या मुख्य इनपुट डिवाइस कहा जाता है।
द्वितीयक इनपुट डिवाइसेज (Secondary Input devices)
ये वे इनपुट डिवाइस होती हैं, जिनके बिना कम्प्यूटर को संचालित (operate) तो किया जा सकता है, पर यदि हम अपनी जरूरत के आधार पर, एक विशेष प्रकार के डेटा को enter या input करना चाहते हैं, तो इनका प्रयोग अनिवार्य हो जाता है। जैसे- Scanner, Light Pen, Trackball, Microphone, Joy-Stick, Card Reader आदि।
कीबोर्ड (Keyboard)
Keyboard, कम्प्यूटर के लिए एक मुख्य इनपुट डिवाइस है। इसकी मदद से बड़ी ही आसानी से टेक्स्ट, न्यूमेरिकल डेटा व स्पेशल सिम्बल, कम्प्यूटर में टायपिंग के माध्यम से, इनपुट कर सकते हैं। यह हमें टाइपिंग के द्वारा इनपुट करने में सक्षम बनाता है। यह एक CUI (Character User Interface) यूजर फ्रैन्डली इनपुट डिवाइस है।
माउस (Mouse)
माउस (Mouse)- माउस किसी भी कम्प्यूटर सिस्टम के लिए मुख्य इनपुट डिवाइस है। यह एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्वाइंटिंग इनपुट डिवाइस है , जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में pointer की मदद से, बड़ी ही आसानी से, इनपुट देने के लिए किया जाता है। Pointer का प्रयोग होने के कारण, इसे प्वाइंटिंग डिवाइस भी कहते हैं
जॉयस्टिक (Joystick)
जॉयस्टिक भी एक प्वाइंटिग डिवाइस है, जो कि ट्रैकबॉल के सिद्धांत पर ही कार्य करती है। लेकिन इसमें बॉल की जगह, एक हैंडल (Lever) लगा होता है, जिसको चारों ओर घुमाकर, स्क्रीन पर प्वाइंटर की दिशा को नियंत्रित किया जाता है। इसमें लगी हैंडल की मदद से, स्क्रीन पर दिखाई देने वाली आकृति को चलाया जा सकता है।
स्कैनर (Scanner)
यह भी कम्प्यूटर की एक महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है, इसकी मदद से कोई भी डेटा, स्कैन करके सीधे कम्प्यूटर में इनपुट किया जा सकता है। इसका लाभ यह होता है कि, यूजर को सूचना टाइप नहीं करनी पड़ती है। इसका सामान्यतः प्रयोग टेक्स्ट या चित्र/इमेज को डिजिटल रूप में बदलने या परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। जिसे हम कम्प्यूटर की स्क्रीन में देख सकते हैं।
माइक्रोफोन (Microphone)
यह एक वॉइस इनपुट डिवाइस है। Microphone को संक्षिप्त रूप में माइक (mic) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग, कम्प्यूटर को voice (ध्वनि या आवाज) के माध्यम से, इनपुट देने के लिए किया जाता है।
वेबकैम (webcam)
Webcam, वेब कैमरा का संक्षिप्त रूप है। यह एक डिजिटल कैमरा है, जिसे कम्प्यूटर के साथ कनेक्ट कर लिया जाता है। लैपटॉप, टैबलेट, ऑल इन वन पीसी (All-in-One PC), स्मार्ट फोन आदि में वेबकैम इनबिल्ट होता है, यानी ऑलरेडी लगा होता है और अलग से भी लगाया जा सकता है। जबकि डेस्कटॉप-कम्प्यूटर में अलग से लगाना पड़ता है।
लाइट पेन (Light Pen)
यह भी एक प्वाइंटिंग इनपुट डिवाइस है, इसका प्रयोग कर, हम कम्प्यूटर स्क्रीन से सीधे ही इन्ट्रैक्ट कर सकते हैं।
ओसीआर (OCR)
ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन या ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर - यह ऑप्टिकल स्कैनर व विशेष सॉफ्टवेयर का मिश्रण होता है। इसका उपयोग हांथ से लिखे हुए, अथवा प्रिंट किए हुए अक्षरों व डेटा को स्कैन करके, read करने लिए किया जाता है।Light Pen का उपयोग, डायरेक्ट कम्प्यूटर स्क्रीन पर कुछ भी लिखने या कोई भी चित्र या आकृति बनाने के लिए किया जाता है।
ओएमआर (OMR)
इसका पूरा नाम ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader) होता है।ये भी एक ऑप्टिकल स्कैनर ही है, जो विशेष प्रकार के Mark (चिन्ह) या symbols जैसे गोला अथवा वर्ग को पहचानने (detect) में सक्षम होते हैं, और कंप्यूटर/ प्रोसेसर को बता देते हैं कि, यह symbol भरा हुआ है या नही।
बीसीआर (BCR)
BCR का पूरा नाम (full form) Bar Code Reader है। BCR एक प्रकार का ऑप्टिकल स्कैनर होता है, जिसका प्रयोग विभिन्न प्रोडक्ट पर छपे, बारकोड को रीड करने के लिए किया जाता है। बीसीआर (BCR) को बारकोड स्कैनर (Bar code scanner) भी कहा जाता है।
बायोमेट्रिक सेंसर (Biometric Sensor)
एक इनपुट डिवाइस जिसका प्रयोग, किसी व्यक्ति के शरीर के अंगो, जैसे कि अंगुलियों (fingers), चेहरा (face), हथेली (palm), ऑंखों की पुतली (Iris या Retina) आदि के, निशान को लेने (स्कैन करने) या पहले से computer में संग्रहित निशानों के साथ मैच करके, पहचान सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।
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