Monday, January 1, 2024

Tally

 

अकाउंटिंग

आधुनिक व्यवसाय का आकार इतना विस्तृत हो गया है कि इसमें सैकड़ों, सहस्त्रों अरबों व्यावसायिक लेनदेन होते रहते हैं। इन लेन देनों के ब्यौरे को याद रखकर व्यावसायिक उपक्रम का संचालन करना असम्भव है। किसी व्यवसाय के वित्तीय लेनदेन का लेखा-जोखा रखने, उसका सारांश प्रस्तुत करने, रिपोर्टिंग तथा विश्लेषण करने की कला को ही एकाउंटिंग कहा जाता है। एकाउंटिंग का कार्यभार संभालने वाले व्यक्ति को एक अकाउंटेंट के रूप में जाना जाता है तथा अकाउंटेंट की भूमिका किसी रिकॉर्ड-कीपर के समान ही होती है।

अकाउंटिग के  उद्देश्य निम्नानुसार है-Objective of Accounting

1. व्यवस्थित रिकार्डस रखना: (Keeping systematic records) वित्तीय लेनदेनों को  व्यवस्थित रखने के लिए अकाउंटिग की जाती है।अर्थात् एकाउंटिंग का प्रयोग रिकार्ड्स को सिस्टमेटिक तरीके से अर्रेन्ज़ करने के लिए किया जाता है।

2. संचालनात्मक लाभ अथवा हानि का पता लगाया जाना: (Detecting Operational Profit or Loss)अकाउंटिग यह पता लगाए जाने में सहायता करती है कि व्यवसाय के संचालन में शुद्ध लाभ (net profit) हो रहा है या हानि (net loss) हो रही है किसी विशिष्ट समयाविधि (Timeline)के आय और व्यय का समुचित लेखाजोखा रखते हुए इसे सम्पन्न किया जाता है। समयावधि के अंत में लाभ और हानि खाता तैयार किया जाता है तथा उस समयावधि के लिए आय (Income)की मात्रा यदि व्यय (expense)की तुलना में अधिक होती है तो उस अर्जित आय को यहाँ पर प्रॉफिट या लाभ कहा जाता है आय की अपेक्षा व्यय अधिक होता है तो उसे हानि या लाॅस कहा जाता है।

4.व्यवसाय की वित्तीय स्थिति ज्ञात करना : (To know the financial position of the business)लाभ और हानि खाते द्वारा किसी विशिष्ट समयावधि के दौरान व्यवसाय में अर्जित किए गए लाभ अथवा हानि की मात्रा ज्ञात की जाती है। हालांकि, इतना ही पर्याप्त नहीं होता है। व्यापारी उसकी वित्तीय स्थिति के बारे में अवश्य जानना चाहेगा अर्थात, बिज़नेस की स्थिति कैसी है यह  जानकारी बैलेंस शीट से मिलती है 

5. विवेकपूर्ण निर्णय लिए जाने की सुविधा प्रदान करना: (To make judicial decisions) एकाउंटिंग से सही समय पर सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।


Accounts in Tally :-

1. Capital Account :- यह एक प्राइमरी ग्रुप है , जो दायित्व स्वभाव का है यह ग्रुप बैलेंस शीट के दायित्व ( Liabilities ) भाग में प्रदर्शित होता है इसका प्रयोग तब किया जाता है, जब कोई व्यक्ति  व्यापार में पूँजी लगाता है या व्यापार शुरू करता है। अतः व्यापारी( Owner’s) के एकाउट्स को इस ग्रुप के नीचे रखा जाता है

 

Ledger:


Ø Proprietor’s a/c

Ø Capital’s a/c

Ø Drawings

Ø LIC Premium

Ø Health Insurance

Ø Income Tax Paid

Ø Profit of Last Year


 

2. Bank Accounts :- यह चल संपत्ति ग्रुप का ही सब-ग्रुप है यह ग्रुप बैलेंस शीट के संपत्ति भाग में प्रदर्शित होता है इस ग्रुप का प्रयोग केवल बैंक से संबंधित खातों के लिए जाता है अर्थात जब कोई भी ( Saving Bank a/c & Current Bank a/c ) बैंक के खाते खोलेंगे तो उसे इस ग्रुप के नीचे रखेंगे |

 

Ledger:


Ø Any Saving Bank a/c

Ø Any Current Bank a/c

Ø Any Co-operative Society


Saving Bank A/C

Current Bank A/c

व्यक्ति  के नाम से

फमि के नाम से

Limit

No Limit

ब्याज र्मलता है

ब्याज नही र्मलता है

Pass Book

Statement

3. Secured Loan: - यह Loan Liabilities का ही सब-ग्रुप है , जो दायित्व स्वभाव का है यह ग्रुप बैलेंस शीट के दायित्व ( Liabilities ) भाग में प्रदर्शित होता है वो लोन जो हम अपने व्यापार के लिए किसी बैंक, दोस्त या रिस्तेदार से लेते है और उस लोन के बदले में हमें कोई वस्तु (जैसे - Gold, Home, Property Paper etc.) Security के तौर पर देना होता है तो इस प्रकार के लोन को हम Secured Loan कहते है |

Ledger:


Ø Any Bank Loan

Ø Any Co-operative Society Loan

Ø Any Friend, Relatives, Person Loan

Ø Any Gold Loan


Ø Any Home Loan


 

4. Unsecured Loan :- - यह Loan Liabilities का ही सब-ग्रुप है , जो दायित्व स्वभाव का है यह ग्रुप बैलेंस शीट के दायित्व ( Liabilities ) भाग में प्रदर्शित होता है वो लोन जो हम अपने व्यापार के लिए किसी बैंक, दोस्त या रिस्तेदार से लेते है और उस लोन के बदले में हमें कोई भी Security नही देना होता है तो इस प्रकार के लोन को हम Unsecured Loan कहते है |

 

Ledger:

Ø Any Bank Loan

Ø Any Co-operative society loan


Ø Any Friend, Relatives, Person Loan


 

5. Deposit (Assets) :- यह चल संपत्ति ग्रुप का ही सब-ग्रुप है यह ग्रुप बैलेंस शीट के संपत्ति भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग जब किया जाता है जब हम अपना पैसा कही Security के तौर पर जमा करते है और वो पैसा हमे वापपस र्मलेगा |

उदाहरण :- हमने अपने व्यापार के लिए मोहन से 3,000/- प्रयत माह के हहसाब से एक गोदाम किराय पर र्लया और मोहन ने हमसे 50,000/- गोदाम की Security के तौर पर अलग से लिए आमतौर पर इस प्रकार की Security को पगड़ी कहा जाता है |

Ledger:

Ø Security Deposit for Any Companies

Ø Security Deposit for Any Godown, Shop etc.

Ø Any Other Security Deposit

 

6. Loan and Advance (Assets) :- यह चल संपत्ति ग्रुप का ही सब-ग्रुप है यह ग्रुप बैलेंस शीट के संपत्ति भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग तब किया जाता है जब हम किसी कमिचारी या पाटी को Advance Cash या Loan देते है | ऐसा लोन जो हमने किसी को हदया है या वो पैसा जो हमरा किसी के पास Advance पढ़ा है जो हमारी संपत्ति है

Ledger:


Ø Loan given to Friend & Relatives

Ø Advance Income Tax

Ø Advance Payment to Parties

Ø TDS Receivables

Ø GST Receivables

Ø Advance Salary


 

7. Fixed Assets :- यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो संपत्ति स्वभाव का है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के संपत्ति भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग तब किया जाता है, जब स्थायी संपत्तियों ( Fixed Assets ) से सम्बक्धित खाते तैयार किये जाते है |

1. वो संपत्तियों जो लम्बे समय तक उपयोग के लिए खरीदी जाती है , जिन्हें बेचने की जरूरत नही पडती है | जैसे भूमि, मकान, फर्नीचर

2. वो संपत्तियों जो व्यापार में लम्बे समय तक उपयोग के लिए खरीदी जाती है | जैसे - मशीन

3. वो वस्तु या सामान जिन्हें हम अपने व्यापार के कम को आसान बनाने के लिए खरीदते है | जैसे - Computer, A.C.

 

Ledger:


Ø Land & Building

Ø Plat & Flat

Ø Furniture

Ø Computer

Ø Car

Ø A.C

Ø Invertor

Ø Plant & Machinery

Ø Mobile Phone


Ø Laptop

Ø Electric Equipment

Ø Cooler & Fan


Ø CCTV Camera etc.

 

8. Sundry Creditors: - यह Current Liabilities का ही सबग्रुप है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के दायित्व भाग में प्रदर्शित होता है | यहाँ Sundry Creditors का अर्थ लेनदार से है | यह वह व्यक्ति अथवा समूह होती है जिससे हम अपने व्यापार के लिए उधार माल |

उदाहरण :– मान लीजिये हमने मोहन से अपने व्यापार के लिए 5,000/- का उधार माल ख़रीदा तो मोहन हमारे लिए Sundry Creditors होगा जिसे हम भविष्य में 5,000/- का भुगतान करेंगे |

Ledger :

Ø A Party Purchase

 

9. Purchase Account: - यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो व्यय स्वभाव का है | यह ग्रुप प्रॉकफट एंड लोस अकाउट के व्यय (Expenses) भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग तब किया जाता है, जब व्यापार के लिए माल ख़रीदा (Purchase) जाता है |

Notes :

Ø व्यापार में क्रय का सम्बधि केवल माल खरीदने से है | माल वे वस्तुएूं होती है, जिन्हें बेचने के लिए या पकका माल तैयार करने के लिए खरीदते है |

Ø व्यापार के लिए फनीचर ख़रीदा, यह क्रय नही कहलायेगा क्योकि फनीचर व्यापार के संचालन के लिए ख़रीदा गया है, ना की बेचने के लिए | यहाँ फनीचर व्यापार के लिए संपत्ति है |

 

Ledger: Account with Inventory

Account Only

Purchase GST

Purchase GST@ 0%

Purchase IGST

Purchase GST@ 5%

Purchase Exempt

Purchase GST@ 12%

Purchase Interstate Exempt

Purchase GST@ 18%

CGS, SGST, IGST, CESS, TDS

Purchase GST@ 28%

 

 

10. Duties & Taxes:- यह Current Liabilites का ही सब-ग्रुप है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के दायित्व भाग में प्रदर्शित होता है | Purchase, Sales और Services पर लगने वाले टैक्स के सभी Ledger इसी ग्रुप अूंतगित बनाये जाते है |

Ledger:

 

Tax Category

Remarks

GST

0%, 5%, 12%, 18%, 28%,

CESS

Tobacco & Pan Masala

TDS

Commission

 

11. Current Liability:- यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो दायित्व स्वभाव का है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के दायित्व भाग में प्रदर्शित होता है |

1. वो दायित्व जो कभी घटते है तो कभी बढ़ते है |

2. वो दायित्व जो अगले एक साल (F.Y.) में चुकाने पढ़ते है |

 

 

 

Notes:

v सामाधयत: इस ग्रुप का प्रयोग नही किया जाता है | क्योकि दायित्व स्वभाव के खतों को इस ग्रुप के नीचे बने सब-ग्रुप में रखते है |

Sundry Creditors               Duties & Taxes

Ledger:

Ø Advance from Customers

 

12. Sundry Creditors: - यह Current Assets ग्रुप का ही सबग्रुप है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के संपत्ति भाग में प्रदर्शित होता है | यहाँ Sundry Debtors का अर्थ देनदार से है | यह वह व्यक्ति अथवा समूह होती है जिसे हम उधार माल बेचते है |

उदाहरण :– मान लीजिये हमने सोहन को 5,000/- का उधार माल बेचा तो सोहन हमारे लिए Sundry Debtors होगा जो हमें भविष्य में 5,000/- का भुगतान करेंगे |

Ledger :     Ø A Party Sales

 

13. Sales Account: - यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो आय स्वभाव का है | यह ग्रुप प्रॉकफट एंड लोस अकाउट के आय (Income) भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग तब किया जाता है, जब माल विक्रय (Sales) किया जाता है |

Notes :

v व्यापार में विक्रय का सम्बधि केवल माल बेचने से है | माल वे वस्तुएूं होती है, जिन्हें पुनः विक्रय के लिए या पतका माल तैयार करने के लिए खरीदते है |

v यदि किसी स्थायी संपत्ति का विक्रय किया गया है तो वह विक्रय नही होगा | यदि हम फनीचर का व्यापार करते है और हम फनीचर बेचते है तो यह विक्रय कहलायेग | क्योकि यहाँ फनीचर हमारे लिए माल है नाकि संपत्ति |

 

Ledger: Account with Inventory

Account Only

 

Sales GST

Sales GST@ 0%

 

Sales IGST

Sales GST@ 5%

 

Sales Exempt

Sales GST@ 12%

Sales Interstate Exempt

Sales GST@ 18%

Sales GST@ 28%

 

14. Indirect Expenses:- यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो व्यय स्वभाव का है | यह ग्रुप प्रॉकफट एंड लोस अकाउट के व्यय (Expenses) भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग उन खर्चों के लिए किया जाता है | जो व्यापार को बेहतर ढंग से चलाने के लिए किये जाते है |

Ledger:


Ø Staff Salary

Ø Staff Commission & Bonus

Ø Telephone & Electricity Bill

Ø Tea & Snacks Expenses

Ø Water Expenses

Ø Accountant Salary

Ø Office & Godown Rent

Ø Diesel & Petrol Expenses

Ø Stationary & Printing

Ø Traveling Expenses

Ø Advertisement Expenses

Ø Vehicle Service Charges

Ø Computer & Printer Service

Ø Swearer Salary

Ø All other Office Expenses


 

15. Indirect Income:- यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो आय स्वभाव का है | यह ग्रुप प्रॉकफट एंड लोस अकाउट के आय (Income) भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग उस आय के लिए किया जाता है जो हमे मुख्य व्यवसाय से प्राप्त ना होकर दुसरे साधनों से प्राप्त होती है |

मुख्य साधनमान लीजिये हमने 10,000/- का माल क्रय किया और उस माल को हमने 12,000/- में बेच हदया तो यहाँ जो हमे 2000/- का लाभ हुआ है वो हमारी Direct Income होगी |

Income from Main Business Activity

Purchase = 10,000/-              Sales = 12,000/-           Income = 2000/-

दुसरे साधन:– मान लीजिये हमारी फमि या दुकान के जो पुराना फनीचर या पुराने कागज है और उसे हम बेच देते है और उससे हमें जो Income होती है | वह हमारी Indirect Income होगी ना की Direct Income क्योकि यह हमें मुख्य साधनों से प्राप्त ना होकर दुसरे साधनों से प्राप्त हुई है |

Income from Non – Business Activity


§ Old News Paper Sold

§ Old Cartoon Boxes Sold

§ Old Furniture Sold

§ Commission Receipt

§ Discount Receipt


 

16. Direct Income:- यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो आय स्वभाव का है | यह ग्रुप प्रॉकफट एंड लोस अकाउट के आय (Income) भाग में प्रदर्शित होता है | Direct Income का अर्थ सीधी आय से है | अर्थात व्यापार की वह आय जो हमे मुख्य साधनों से होती है |

 

17. Direct Expenses :- यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो व्यय स्वभाव का है | यह ग्रुप प्रॉकफट एंड लोस अकाउट के व्यय (Expenses) भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग उन खर्चों के लिए किया जाता है | जो व्यापार को बिना रुकावट के चलाने के लिए किये जाते है | यह खचे मुख्य व्यवसाय से जुड़ें होते है | देखा जाये तो ज्यदातर Direct Expenses इन Company में होता है -


§ Manufacturing Companies

§ Constructions Companies

§ Service provider Companies


Ledger:


Ø Diesel & Petrol

Ø Repairing Expenses for Machines

Ø Factory Rent

Ø MaterialCost


Notes :

v जिस व्यवसाय या फमि में केवल माल ख़रीदा और बेचा जाता है | इस प्रकार के व्यवसाय को Trading Business कहते है| इस व्यवसाय में Direct Expenses नही होते है और होते भी है तो बहुत कम होते है |

 

18. Investments :- यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो संपत्ति स्वभाव का है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के संपत्ति भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग तब किया जाता है जब हम अपने व्यापार की संपत्ति या पैसे को किसी दुसरे  व्यापार में Extra Profit या Extra Saving के लिए निवेश (Invest) या जमा करते है|

 

Ledger:


Ø Any FD ( Fixe Deposit) Account

Ø Any RD(Recurring deposit)A/C

Ø Mutual Fund

Ø Shares

Ø Purchase for Bond

Ø Pension Plan


Notes:

vइस ग्रुप से Life Insurance और Health Insurance को सार्मल नही किया जाता है|

 

19. Suspense Account :- यह एक प्राइमरी गुप है , जो दायित्व स्वभाव का है इस ग्रुप का प्रयोग सूंदेहात्मक (Doubtful) लेन-देनो के लिए किया जाता है | वो सभी लेन-देन जिनमे हमे सूंदेह हो की पैसा कहा से आया है और किसे हदया है | तो हम उन सभी लेन-देन के Ledger को इसी Suspense Account में बनाते है | और जब यह पता चल जाता है कि पैसा कहा से आया है और किसे हदया है तो उस Ledger को हम सुिार कर सही ग्रुप में डाल हदया जाता है |

Notes :

v देखा जाये तो ज्यादातर सूंदेहात्मक ( Doutfull ) लेन-देन Bank Statement की Entri करते समय होता है तयुकी कभी-कभी Bank Statement में ये पता नही चलता है की पैसा कहा से आया है और किसे हदया है |

 

20. Bank OD Account:- यह Loan Liabilities का ही सब-ग्रुप है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के दायित्व भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग Bank Over Draft और Bank Open Cash Credit से सम्बक्धित खातो के लिए किया जाता है |

Bank OD A/c

Bank Loan a/c

CC Limit A/c

Loan A/c

Interest on used Amount

Interest on Total Loan Amount

No EMI

Fixe EMI

 

21. Loans ( Liabilities ) :- यह एक प्राइमरी गुप है , जो nkf;Ro  स्वभाव का है यह ग्रुप बैलेंस शीट के दाययत्व ( Liabilities ) भाग में प्रदर्शित होता है इस ग्रुप का प्रयोग तब fd;k जाता है, जब ककसी से लोन र्लया जाता है | अतः लोन देने वाली पाटी के Ledger को इस ग्रुप में डालते है |

Notes:

v सामाधयत: इस ग्रुप का प्रयोग लोन से सम्बक्धित खातो ds fy, lh/ks rkSj पर करके इस ग्रुप के नीचे बने सब-ग्रुप में करते है|

Ø Secured Loan

Ø Unsecured Loan

Ø Bank OD Account

 

22. Current Assets:- यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो सम्पक्त्त स्वभाव का है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के सम्पक्त्त भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग तब किया जाता है जब चल- संपत्ति (Current Assets) से सक्म्बधित खातो को तैयार किया जाता है |

1. वो संपत्ति जो कभी घटती है, तो कभी बदती है, यायन चलती रहती है |

2. वो संपत्ति जो अगले एक साल (F.Y.) में कभी भी नकदी (Cash) में बदल जाती है |

Notes:

v सामाधयत: इस ग्रुप का प्रयोग चल-संपत्ति से सम्बक्धित खातो के लिए सीधे तौर पर करके इस ग्रुप के नीचे बने सब-ग्रुप में करते है |


ØCash in hand

ØLoan & Advance Assets

 

ØBank Account

ØSundry Debtors

 

Ø Deposit Assets

Ø Stock In Hand


23. Provision :- यह Current Liabilites का ही सब-ग्रुप है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के दायित्व भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग भविष्य ने व्यापार में होने वाली हानि या खर्चों के Ledger तैयार करने के लिए करते है |

 

24. Misc. Expenses ( Asset) :- यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो संपत्ति स्वभाव का है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के संपत्ति भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग पहले से ही योजनाबद्ध खर्चों के लिए किया जाता है |

 

25. Stock in Hand :- यह चल संपत्ति ग्रुप का ही सब-ग्रुप है | इसका प्रयोग केवल स्टॉक से सम्बक्धित अकाउट के लिए करते है | अर्थात एक यनक्श्चत अवधि तक शेष रहने वाले स्टॉक को इस ग्रुप के नीचे मैनेज करते है |

 

26. Reserve & Surplus:- यह Capital ग्रुप का ही सब-ग्रुप है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के दायित्व भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग ररजवि अकाउट के लिए

किया जाता है | ररजवि अकाउट का प्रयोग लाभ हानि को स्र्ानाूंतररत करने या व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए करते है |

 

27. Branch / Divisions :- यह एक प्राइमरी गुप है , जो दायित्व स्वभाव का है यह ग्रुप बैलेंस शीट के दायित्व ( Liabilities ) भाग में प्रदर्शित होता है इस ग्रुप का प्रयोग तब किया जाता है, जब कोई नई शाखा या पवभाग के लिए खाता तैयार करते है |इस ग्रुप का प्रयोग ज्यादातर बड़ी-बड़ी कम्पयनयों में किया जाता है | जहा उस कम्पनी की दो या दो से अधिक शाखा ( Branch ) होती है | और इस ग्रुप के अधदर सभी शाखा ( Branch ) के Ledger मुख्य शाखा ( Main Branch ) की टैली में बनाये जाते है |

 

28. Cash in hand:- यह एक प्राइमरी ग्रुप है, जो संपत्ति स्वभाव का है | यह ग्रुप बैलेंस शीट के संपत्ति भाग में प्रदर्शित होता है | इस ग्रुप का प्रयोग केवल कैश से सम्बक्धित खातो के लिए किया जाता है | वैसे तो टैली में कैश का Ledger बनाने की जरुरत नही होती है, क्योकि टैली में कैश का Ledger पहले से ही इस ग्रुप के नीचे बना होता है |

दोहरा लेखा प्रणाली (Double Entry System)

व्यापार के प्रत्येक व्यापारिक लेन देन से दो पक्ष प्रभावित होते हैं| एक पक्ष पाने वाला होता है तथा दूसरा पक्ष देने वाला होता है, अत: प्रत्येक लेन देन का दोनों पक्षों में लेखा किया जाता है| यह दोहरा लेखा प्रणाली कही जाती हैI इस प्रणाली में कोई भी व्यापारिक सौदा तब तक पूर्ण नहीं माना जाता है जब तक कि दोनों पक्षों में समान राशि से एक दूसरे के विपरीत लेखे हो जाएँ|

Golden Rules of Accounts

S.no

Account

Debit

Credit

1

Personal Accounts  (व्यक्तिगत खाते )

पाने वाले को डेबिट

The Receiver or Debtor

देने वाले को क्रेडिट

The Giver or Creditor

2

Real Accounts

(वस्तुगत खाते )

जो वस्तु व्यापार में आए उसे डेबिट करो What comes in

जो वस्तु व्यापार से जाए उसे क्रेडिट  करो What goes out

3

Nominal Accounts

(नाममात्र के खाते )

 

समस्त प्रकार के खर्चे और हानियों को डेबिट करो

All Expenses & Losses

समस्त प्रकार के आय  और लाभों को क्रेडिट  करो

All Incomes & Gains

ü  (Elective-I) COMPUTERIZED ACCOUNTING WITH TALLY

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